राजेश से सोनिया बनने की जंग आखिर जीती, सर्विस बुक में बदला नाम
तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद इज्जतनगर रेल कारखाना के टैक्नीशियन राजेश पांडेय उर्फ सोनिया ने लड़ाई जीत ली। काफी मशक्कत के बाद सोनिया आधिकारिक रूप से सर्विस बुक में बतौर महिला दर्ज हो गई हैं। पूर्वोत्तर रेल के सरकारी पन्नों में राजेश अब हमेशा के लिए सोनिया हो गई है। सर्विस बुक के साथ ही मेडिकल, बैंक एकाउंट में सोनिया का लिंग महिला अंकित हो गया है।
कुछ महीने पहले इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पाण्डेय का एक अनोखा मामला सामने आया था। राजेश ने अफसरों से गुहार लगाई थी उसे रेलवे के रिकार्ड में महिला कर दिया जाए। मामला अनोखा और दुर्लभ होने के कारण इज्जतनगर मण्डल ने मामले को पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा था। यह मामला जब जीएम के सामले आया तो उन्होंने इसे बोर्ड को भेजा। आखिरकार रेलवे ने राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया है।
चार साल पहले चार बहनों के इकलौते भाई राजेश लिंग परिवर्तन कराकर लड़की बन गया था। वह इज्जनगर मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड वन पद पर तैनात है। पिता और बड़े भाई की मौत के बाद अनुकंपा के तहत 19 मार्च 2003 को राजेश रेलवे में भर्ती हुआ। परिवार में चार बहनें और मां हैं। वर्ष 2017 में राजेश ने लिंग परिवर्तन करा लिया और महिला बन गया। उसने अपना नाम सोनिया रख लिया। रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जिसमें किसी पुरुषकर्मी ने लिंग परिवर्तन किया हो।
मुख्य कारखाना प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर जेंडर डिस्फोरिया यानी एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह के तहत महिला की पहचान दी है। जेंडर डिस्फोरिया में अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों के स्त्री देह में पुरुष मन या पुरुष देह में स्त्री मन होता है। यह जैविक या प्राकृतिक त्रुटि के अलावा हार्मोन के बदलाव का नतीजा है। रेलवे चिकित्सालय के डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि कृत्रिम जेंडर परिवर्तन के बाद राजेश उर्फ सोनिया ने लिंग बदलाव के लिए आवेदन किया था। उसका मेडिकल हुआ। विभाग ने कुछ कार्रवाइयों के बाद उसे महिला मान लिया है।